الثلاثاء، 27 مارس 2018

من أنا لكِ // بقلم الشاعرة // سهاد حقي الأعرجي

.....من أَنا... لكِ..... 

ليتني أَفهم... 
ما يَجري... 
هنا... بِدواخلي 
وهناك... بِأعماقها 
يا تُرى... 
هل تُحادثُ... 
نَفسها عَني... 
وتَبكي...
جُفونَها لأَجلي... 
وتَحتضنُ... 
وسادتِها لِشوقي... 
وتَدور... 
نُجومِها حَولي...
وتُسافِرُ بَعيداً... 
بِأَحلامِها لِرؤيتي... 
وتَبتسمُ مع نَفسها... 
لِرسمٍ...
اُرتسمَ بالذاكرة...
أَم أَنها لا تَكترثُ... 
لِوجَعي... 
وآلامَ صَمتي... 
وهل... 
تَرغبُ بِكلماتي... 
أَم سَتغلقُ أُذناها... 
وتُديرُ ظَهرها لي...
من أَنا لكِ غاليتي... 
هل مازلتُ قَمرا... 
يُنيرُ لكِ كل طُرقكِ... 
أَم أُطفأتۡ شُعلةَ... 
شَمسهُ بِقلبكِ...
ليتني... 
أَعلمُ من أَنا... 
لكِ...
---بقلمي---
...سهاد حقي الأعرجي...
25/3/2018 
الأحد

ليست هناك تعليقات:

إرسال تعليق

شكراً لكم مع تحياتنا القلبية بعبق الزهور